ख्वाब, ख्याल और खयाल कभी कभी सोचती हूं ये दवा क्या है? वो कड़वी सी गोली जिसे लेने से मन कतराता है, या किसी के दो मीठे बोल जिन्हें सुनकर इंसान जल्द ही ठीक हो जाता है...! वो जिसका तुम्हे अक्सर ख्याल हो, और जो हर पल तुम्हे तुम्हारे करीब होने का अहसास दिलाता है। ज़रा सोचो अगर वो तुम्हारा खयाल रखे, तो कोइ भी दुख दर्द आख़िर कब तक टिक पाता है...! यूं तो मायने रखती है ये दवाइयां भी, मगर किसी अपने का बस यह पूछ लेना, कि तुम ठीक तो हो,शायद इन दवाइयों से भी ज्यादा असर कर जाता है...! एक सच है मगर इसमें भी छुपा,के ख्वाब में आने वाले का ख्याल आना तो लाज़मी है मेरी जान। मगर तुम्हारा अपना वही है जो ख्वाब और ख्याल से परे तुम्हारा खयाल रखना जानता है...! दिखाता नहीं दिखाने के लिए, वो दिल से साथ निभाना जानता है...! महफिलें कहां अकेले में जमती है। दर्द की दवा भी ये दर्द है। बस इसलिए ये जान उन्ही मे बसती है...!