आज बहुत दुःखी हूँ, आज फिर एक राक्षक नें फ़न उठाया है, एक अबला नारी को जिसनें डंस लिया, कब तक ऐसे ही होता रहेगा, उठो! जागो! लड़ो! लक्ष्मीबाई बन जाओ, पापियों से तुम भीड़ जाओ, आज दुशासन नें द्रोपदी को नोचा है, बन भीम, छाती चीर, लहू निकाल लो, समाज में ये हवसी अब न होनें चाहिए, ये दरिंदे मानव के रूप में दानव है, इन दानवों का विनाश होना चाहिए, निर्भया, रोजा, प्रियंका ऐसी कब तक बलि चढ़ेगी, क्या ईश्वर तेरा यही इंसाफ है इन अबलाओं के लिए ? प्रश्न ये मेरा अब तुमसे है, भेजते ही क्यूँ हो ऐसे दरिंदो को ? जिसने कोख़ को भी शर्मसार किया, मानवता इनके कुकृत्यों से रोई है, इनके सोच में बस हवस ही हवस है, जो औरतों, लड़कियों को समान समझते है, जबतक मन किया खेला, बाद फेक दिया, जला दिया, हाय रे तेरा इंसाफ़! किसी ने कहा था तू पत्थर है, अब तो रहमत कर ! ऐसे हवसी को कोख में न भेज, गर भविष्य में ऐसा ही चलता रहा, तो वो दिन दूर नही, तू भी फोड़ा जाएगा, पत्थरों के भांति तोड़ा जाएगा... आज बहुत दुःखी हूँ... #quote15 #drpriyankreddy #rape #murder #Deepcondolence #ravindrashrivastavaquote