वादों की सभी बातें मसखरी लग रही है अब, मिट्टी उन पहाड़ो की भुरभुरी लग रही है अब, सोचा जो पुराने साल हफ़्ते में हवा है वो, पहले के दिसम्बर सी जनवरी लग रही है अब। चारण गोविन्द #चारण_गोविन्द #CharanGovindG #govindkesher #december #january #दिसम्बर #जनवरी #Distant