...एक तुम्हारा यूँ मुस्काना... ...मुस्कूरा कर फिर रुक जाना... ...लगता है बैठा हो आकर,होंठों पर खुद चाँद दीवाना... ...जैसे कोई जुगनु चमकता,हो अंधियारी रात में... ...ऐसे तुम रहते हो दिलबर,मेरे हर जज़्बात में... ...अजय 'निलय'... ...गीत - मेरे हर जज़्बात में... ...गीत लेखक - अजय 'निलय'...