किस को क्या क्या सजा मिली,,, बस खुद को पता है ।। दूसरों को दंड पाते देख,,, ये जमाना खूब हंसा है ।। और क्या बताऊं मैं आपको,,, इस जहां की सच्चाई ।। दिन पर दिन मिटती जा रही है,,, लोगों के मन से अच्छाई ।। और पैसों की अहमियत इतनी बढ़ गई,,, के सब रिश्ते फ़ीके है ।। आज प्यार,शांति,अमन मिलते नहीं,,, सब तरफ चींखें ही चींखें है ।। और विश्वास का नामों निशान ना रहा,,, दर्द,नफ़रत से भरे पड़े है लोग ।। और झूठा हंसते है,सुनते है,कहते है,,, न जाने इनको कैसे लगे है रोग ।। ©Alone Star #Love #Life #Care #Feeling #punishment #Money #Rose