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फीकी लग रही तुम्हारी मुस्कान क्यों खो रहे हो पुरान

फीकी लग रही तुम्हारी मुस्कान
क्यों खो रहे हो पुरानी पहचान 
निकले थे समाज को सुधारने
लेकर आए इल्जामों की थकान
फीकी लग.....
काम उतना ठानो जो कर पाओ
गुरू बनने निकले बन गए यजमान
तुम पहले अपना घर तो सुधारो
फिर बाहर जाकर बनना पहलवान
फीकी लग.....
आजकल समाज सुधारक बहुत है
भले बच्चे बन जाय आवारा महान
ऐसे सामाजिक विभूतियों का "सूर्य"
समाज करता पीठ पीछे गुणगान
फीकी लग.....

©R K Mishra " सूर्य "
  #समाज#सुधारक  Puja Udeshi Sethi Ji Rama Goswami अभिलाष द्विवेदी (अकेला ) एक अनपढ़ शायर Bhavana kmishra