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कब सोचा था शिक्षा में इक ये पड़ाव भी आएगा गुरू और श

कब सोचा था शिक्षा में इक ये पड़ाव भी आएगा
गुरू और शिष्य का नाता यूँ यांत्रिक हो जाएगा
नहीं पढ़ सकेंगे चेहरे ना आंखों में होगा संवाद
कम से कम शब्दों में वक्तव्य को सौंपा जाएगा
नहीं चलेगा ज़ोर परस्पर ना शिष्यों ना गुरुओं का
जिसके मन भाये आएगा, ना भाये ना आएगा
लीव द मीटिंग, ब्लॉक द नंबर, म्यूट और जॉइन के आगे
मे आई कम इन, स्टैंड अप, साइलेंस, सब व्यर्थ हो जाएगा
ना होगी कोई गहमा गहमी, शोर न घंटी बजने का
वेशभूषा, अनुशासन, आदर पर्दे में छिप जाएगा
खो जाएंगे पीछे बैठ के बातें करने वाले तब
आगे बैठ के गुरु की नज़रों में कोई चढ़ ना पाएगा
हंसी, शरारत, चुगली, मस्ती, बाहें डाले बाहों में
खिले हुए चेहरों वाला वो उपवन ना मिल पाएगा
कभी जो होता विषय दंड का, ताड़न और उपेक्षा का
सोचा ना था वही मोबाइल ही शिक्षा को बचाएगा


 #अंजलिउवाच #YQdidi #ऑनलाइनशिक्षा #गुरुशिष्य #मोबाइल #लॉकडाउनकेसाइडइफेक्ट्स
कब सोचा था शिक्षा में इक ये पड़ाव भी आएगा
गुरू और शिष्य का नाता यूँ यांत्रिक हो जाएगा
नहीं पढ़ सकेंगे चेहरे ना आंखों में होगा संवाद
कम से कम शब्दों में वक्तव्य को सौंपा जाएगा
नहीं चलेगा ज़ोर परस्पर ना शिष्यों ना गुरुओं का
जिसके मन भाये आएगा, ना भाये ना आएगा
लीव द मीटिंग, ब्लॉक द नंबर, म्यूट और जॉइन के आगे
मे आई कम इन, स्टैंड अप, साइलेंस, सब व्यर्थ हो जाएगा
ना होगी कोई गहमा गहमी, शोर न घंटी बजने का
वेशभूषा, अनुशासन, आदर पर्दे में छिप जाएगा
खो जाएंगे पीछे बैठ के बातें करने वाले तब
आगे बैठ के गुरु की नज़रों में कोई चढ़ ना पाएगा
हंसी, शरारत, चुगली, मस्ती, बाहें डाले बाहों में
खिले हुए चेहरों वाला वो उपवन ना मिल पाएगा
कभी जो होता विषय दंड का, ताड़न और उपेक्षा का
सोचा ना था वही मोबाइल ही शिक्षा को बचाएगा


 #अंजलिउवाच #YQdidi #ऑनलाइनशिक्षा #गुरुशिष्य #मोबाइल #लॉकडाउनकेसाइडइफेक्ट्स