Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat नया घर देखते ही नजरो में एक अलग सी चमक हैं घर तो कल भी घर था और आज भी घर हैं घर के दीपक में वहीं तुलसी की मेहक आज भी हैं मगर आंगन बचपन के घर बहुत याद आता हैं समान संजोकर घर तो के आते हैं पर वो बेमिसाल यादों की गठरिया काधो पर लाद लाते हैं अनमोल यादों का खाज़ाना मेरी आंखों में आज भी सास भरता हैं मेरे आंगन का अमरूद का पेड़ आज भी वहीं खड़ा हैं, बस उन अमरूदों के स्वाद लेने वाले बदल गए हैं आज वो बगीचे में तोता मेना की कहानियां बुनी थी जो आंखों में आज भी सपने संजोती हैं। बारिश में आज भी मोर का नाचना उसके पंखों का फैलाना बहुत मन को भाता है घर घर होता है पर कल की यादों का एहसास कम नहीं होता हैं एहसास वहीं होता है जहां प्यार का इज़हार होता हैं प्यार से समझोता संजोया एक आशियाना होता हैं पवित्रता स्नेह भरोसे की नीव पर टिका यहीं घर होता हैं घर घर होता है इट से बना पर प्यार कि नीव से संजोया घर होता है। अनमोल यादों को ताजा खबरें से याद करते हैं बचपन के दिन हम आज भी जीना चाहते हैं दिल में बसा बच्चा आज भी दिल लुभा जाता हैं। जीवन को लक्ष्य बनाकर खुल कर जीने में उमंग भर जाता हैं। ©️ जज़्बात ए हर्षिता #reality #realityoflife #life #lifequotes #bachpan #yqbaba #yqdidi Written by Harshita ✍️ #Jazzbaat नया घर देखते ही नजरो में एक अलग सी चमक हैं घर तो कल भी घर था और आज भी घर हैं घर के दीपक में वहीं तुलसी की मेहक आज भी हैं मगर आंगन बचपन के घर बहुत याद आता हैं