जहा हमारी यादें का बसेरा, वो महल घर था कुछ तेरा कुछ मेरा, हम प्यार भरी यादों को, समेट आए उस घर में, वक़्त बीता, फीकी पड़ गई वो बातें, अब ना रही वो मुलाकातें, महल हमारी चाहत का वीरान हो गया, असूलों और दुनियादारी की बातों के परवान हो गया, तुमको फिक्र थी, दुनिया की, मुझे तुम्हारी, बस महल रह गया अकेला गवाह, इसी कशमकश में हमारा प्यार कुर्बान हो गया। 👉 #collabwithपंचपोथी 👉 विषय - एक पुराना महल 👉 प्रतियोगिता- 14(मुख्य) __________________________________ 👉 समय - 24 घंटे तक 👉 collab करने के बाद comment में done लिखे 🍬 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।