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किसी की खुशियों को, चाहें पल में निगलना..! न पसी

 किसी की खुशियों को,
चाहें पल में निगलना..!

न पसीजता दिल यूँ,
न चाहते ख़ुद को बदलना..!

कड़वे रखें बोल सदा,
पत्थर दिल न चाहे पिघलना..!

साँप से अधिक ज़हरीले लोग,
बस चाहते हैं ज़हर उगलना..!

©SHIVA KANT
  #zeharugalna

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