पगली हूं में..झल्ली हूं.. अपने मा बाबा का लाड़ली हूं.. अपने मनमानी करती हूं मगर वो सिर्फ अपनो से ही करती हूं गुस्सा आने पर बहुत जोर से चिल्लाती हूं.. मगर गुस्सा भी अपनों से ही करती हूं.. मेरे आत्माभिमान को टेस पहुंचाए तो ज्यादा कुछ नहीं करती हूं मगर उसे दूर जरूर हो जाती हूं.. कहीं भी कुछ गलत दिखे तो.. वाह से चुपके से नहीं जाती हूं..कोई साथ हो ना हो अकेली ही गलत खिलाफ आवाज़ उठाती हूं.. जिंदगी में सब कुछ खोने पर भी दुबारा शुरुवात करने की हिम्मत रखती हूं.. कभी कभी मेरे मन भी उदास होता तो है..इस उदासी को आंसू से बाहर बहा देती हूं..फिर से शेरनी बनती हू.. सब कुछ संभालते हुए अपने काम करती हूं. #myintruduction #thisisme #thisismylife