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मितवा रे ओ मितवा..My first hindi song of movie.By:

मितवा रे ओ मितवा..My first hindi song of movie.By:- Sagar Raj Guptaदिया

दिया है दर्द तुमने मुझको मैं आज वो कहने आया हूँ,
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ....  M                                  मुखड़ा 
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )


कैसे रहूं तेरे बिन ना कभी मैंने जाना है
तेरे इश्क़ और वफ़ाओं कों मैंने कहाँ पहचाना है... M
बाहें मेरी खाली है और न जाने तुम कहाँ पर हो
तेरी यादें जीने न दे और हर लम्हे में तुम ही तुम हो... F

इसी अधूरी मोहब्बत के बीच मैं ये कहने आया हूँ 
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ... M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )

जीता हूँ मैं तेरी चाहत पे और वफ़ा पे तेरी मरता हूँ
नज़र न आये प्यार तुझे क्यों मैं जो तुझसे करता हूँ... M
लगता है मुझे अब तेरे बिन जिंदगी रोकर जीना है
जिसे चाहा था चाहत की हद से ज्यादा उसे खोकर जीना है...F

ऐ ख़ुदा तेरी रहमत नसीब न हुई, जिसे मैं चाहने आया हूँ
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ... M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )


तुमने मेरा दिल ऐ जानम कुछ इस तरह से तोड़ा है
मौत भी न आई मुझे, तुमने ऐसे रहा पे छोड़ा है... M
दोष मुझमे न है ऐ सनम, मेरी कुछ मजबूरियाँ थी
अगल है हम, मगर दिल से न कोई दूरियाँ थी.. F

अधूरी ख्वाहिशों के सागर में मैं खुदी कों डुबोने आया हूँ
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ.. M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )

©Sagar Raj Gupta मितवा रे.. ओ मितवा
My First hindi movie song
By:- Sagar Raj Gupta
मितवा रे ओ मितवा..My first hindi song of movie.By:- Sagar Raj Guptaदिया

दिया है दर्द तुमने मुझको मैं आज वो कहने आया हूँ,
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ....  M                                  मुखड़ा 
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )


कैसे रहूं तेरे बिन ना कभी मैंने जाना है
तेरे इश्क़ और वफ़ाओं कों मैंने कहाँ पहचाना है... M
बाहें मेरी खाली है और न जाने तुम कहाँ पर हो
तेरी यादें जीने न दे और हर लम्हे में तुम ही तुम हो... F

इसी अधूरी मोहब्बत के बीच मैं ये कहने आया हूँ 
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ... M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )

जीता हूँ मैं तेरी चाहत पे और वफ़ा पे तेरी मरता हूँ
नज़र न आये प्यार तुझे क्यों मैं जो तुझसे करता हूँ... M
लगता है मुझे अब तेरे बिन जिंदगी रोकर जीना है
जिसे चाहा था चाहत की हद से ज्यादा उसे खोकर जीना है...F

ऐ ख़ुदा तेरी रहमत नसीब न हुई, जिसे मैं चाहने आया हूँ
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ... M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )


तुमने मेरा दिल ऐ जानम कुछ इस तरह से तोड़ा है
मौत भी न आई मुझे, तुमने ऐसे रहा पे छोड़ा है... M
दोष मुझमे न है ऐ सनम, मेरी कुछ मजबूरियाँ थी
अगल है हम, मगर दिल से न कोई दूरियाँ थी.. F

अधूरी ख्वाहिशों के सागर में मैं खुदी कों डुबोने आया हूँ
दिल की बातों कों ज़ुबान पे रखके मैं तेरे दिल में रहने आया हूँ.. M
मितवा रे.... ओ मितवा.... M (आलाप )

©Sagar Raj Gupta मितवा रे.. ओ मितवा
My First hindi movie song
By:- Sagar Raj Gupta