तेरी नज़दीकियों की खुशी बे हिसाब थी पर तुझे तो मिल के बिछड़ना ही था तेरी बातो में हम खो गए इस कदर, की हमको खुद अपना ही एहसास न था हो न पायेंगे हमलोग इक दूसरे के ये जानते थे हम पर तेरी मुस्कान के आगे बड़ा कमजोर सा था तुझे सजो के रखते अपने पास ये चाहत थी हमारी पर तू तो रेत थी तुझे तो मुट्ठी से फिसलना ही था तेरी नजदीकियों की खुशी बे हिसाब थी पर तुझे तो मिल के बिछड़ना ही था तुझमें भी तो थी मेरी प्यास पर मेरी प्यास में तेरा तड़पना ही तो था तू भी तो चाहती थी बनना मेरे कोरे कागज का हिस्सा बस तुझमें हिम्मत-ए-इजहार न था आखिर तेरी बातों का एक हिस्सा तो मैं भी था ही पर तेरे नाम के पीछे मेरा उपनाम न था क्या यही वो एकलौती वजह थी जो तेरा और मेरा जीवन सुनसान सा था तेरी भी होगी मुझमें खुशी ऐसी आस थी, तेरी नजदीकियों की खुशी बे हिसाब थी तेरी नजदीकियों की खुशी बे हिसाब थी पर तुझे तो..........