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सबको खुश करने में हम मुस्काना ही भूल गए आँखो से

सबको खुश करने में 
हम मुस्काना ही भूल गए 
आँखो से न आए आँसू किसी के 
हम खुद के आँसू पोछना भूल गए 
यादों में थे जिनके मशगूल 
वो हमको ही भूल गए 
शौक न था मुहब्बत का 
इश्क़ में शायर बन बैठ गए। bhul gaye
सबको खुश करने में 
हम मुस्काना ही भूल गए 
आँखो से न आए आँसू किसी के 
हम खुद के आँसू पोछना भूल गए 
यादों में थे जिनके मशगूल 
वो हमको ही भूल गए 
शौक न था मुहब्बत का 
इश्क़ में शायर बन बैठ गए। bhul gaye