सबको खुश करने में हम मुस्काना ही भूल गए आँखो से न आए आँसू किसी के हम खुद के आँसू पोछना भूल गए यादों में थे जिनके मशगूल वो हमको ही भूल गए शौक न था मुहब्बत का इश्क़ में शायर बन बैठ गए। bhul gaye