दबे हुए ज़िम्मेदारियों के बोझ तले वो अक्सर खुद को भूल जाते हैं हमारे ख्व़ाबो का हकीकत से फ़ासला कम करने खुद हर रोज़ सुखी रोटी खाते हैं वो हर पल हमपर खुशियाँ बरसातें हैं खुद हर गम का घूँट पी जाते हैं इतने प्यारे सिर्फ माता-पिता ही होते हैं हमारी अपने मंज़िल से पहचान वे ही कराते हैं दबे हुए ज़िम्मेदारियों के बोझ तले वो अक्सर खुद को भूल जाते हैं ©Nainika Jagat #माँ_पापा