दर्द ज्यादा हो तो बताया कर ऐसे तो दिल में न दबाया कर रोग अगर बढ़ने लगे बेहिसाब एक मुस्कराहट से घटाया कर तबियत खूब बहल जाया करेगी खुद को धूप में ले के जाया कर तरावट जरूरी है साँसों को भी अंदर तक बारिश में भिंगोया कर तकलीफें सब यूँ निकल जाएँगी नीरज बदन को हवा में थोडा उड़ाया कर लेखक, नीरज किराड।। ©Writer Neeraj Kirar #writerneeraj