बात-बात हर पर, मुझ पर;गुस्सा ना करो, मेरी जान बेवजह ही मुझसे रूठा ना करो, नफरत है तो नफरत प्यार है तो प्यार करो.. दिखावे का प्यार और वादा झूठा ना करो। .....गोविन्द पन्द्राम #गुस्सा