Nojoto: Largest Storytelling Platform

सच्ची कहानी ©atrisheartfeelings part 3 तब मुझे यह

सच्ची कहानी

©atrisheartfeelings part 3
तब मुझे यही तरकीब सूझी है कि जब कभी ये आए तो, मैं उसे कम से कम दाम लगाकर चीज़े दे दूँ। मैं यह चाहता हूँ कि उसका भ्रम बना रहे और उसे लगे कि वह किसी की मोहताज नहीं है।
मैं इस तरह भगवान के बन्दों की पूजा कर लेता हूँ। थोड़ा रूक कर दुकानदार बोला: यह औरत हफ्ते में एक बार आती है। 
भगवान गवाह है, जिस दिन यह आ जाती है उस दिन मेरी बिक्री बढ़ जाती है और परमात्मा मुझ पर मेहरबान हो जाता है। ग्राहक की आंखों में आंसू आ गए, उसने दुकानदार को गले लगाकर अपना सामान खरीदा और चला गया।

part 3 तब मुझे यही तरकीब सूझी है कि जब कभी ये आए तो, मैं उसे कम से कम दाम लगाकर चीज़े दे दूँ। मैं यह चाहता हूँ कि उसका भ्रम बना रहे और उसे लगे कि वह किसी की मोहताज नहीं है। मैं इस तरह भगवान के बन्दों की पूजा कर लेता हूँ। थोड़ा रूक कर दुकानदार बोला: यह औरत हफ्ते में एक बार आती है। भगवान गवाह है, जिस दिन यह आ जाती है उस दिन मेरी बिक्री बढ़ जाती है और परमात्मा मुझ पर मेहरबान हो जाता है। ग्राहक की आंखों में आंसू आ गए, उसने दुकानदार को गले लगाकर अपना सामान खरीदा और चला गया।

126 Views