ये तूफां ही तो हैं, मिरे किनारे से होकर निकल जायेंगे। अभी देखी कहां है चमक इन्होंने मेरे आफताब की, ये मोम के घर हैं खुद ही पिघल जाएंगे।। ©Shreshth ke alfaj #Sun #laugher