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प्रारब्ध अपना रास्ता ख़ुद बना लेता है उसके लिए परिस

प्रारब्ध अपना रास्ता ख़ुद बना लेता है उसके लिए परिस्थितियों का अनुकूल होना कोई जरूरी तो नहीं। राजा से रंक होकर और फिर रंक से राजा होना पीढ़ी दर पीढ़ी यही क्रम चलता रहता है। इसे संचालित करने वाली सिर्फ़ एक ही शक्ति है, वो है ईश्वरीय शक्ति। क्या होगा जब एक नेकदिल राजा को उसके ही सगे सम्बन्धियो द्वारा साजिश से मिटा दिया जाएगा और उसके वारिस को उसे बनाने के लिए बेहद संघर्ष करना होगा।

©SONGWRITER DURGA KRISHNA
  प्रारब्ध

प्रारब्ध #प्रेरक

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