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*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया* कल जो सपने थें

*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  कल जो सपने थें बुने, 
  वह आज हाथों से मेरे बिखर गया..!
*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  सितारों से सजी रात में,
  उनकी यादों का सैलाब आंखों से मेरे बेह गया..!!
*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  थें, हमसफर एक दूजे के सफर में हम, 
  आज सफर में.., मैं देखो ना तनहा ही रेह गया..!!!
*क्या सोचे थे और आज क्या ये हो गया*

©R...Khan #क्या#सोचे#थें#और#क्या#ये#हो#गया

#MereKhayaal  Nirmala Baitha Ramjan Ali Saurav Das sAtYaM deepshi bhadauria   khubsurat
*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  कल जो सपने थें बुने, 
  वह आज हाथों से मेरे बिखर गया..!
*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  सितारों से सजी रात में,
  उनकी यादों का सैलाब आंखों से मेरे बेह गया..!!
*क्या सोचे थे और क्या ये हो गया*
  थें, हमसफर एक दूजे के सफर में हम, 
  आज सफर में.., मैं देखो ना तनहा ही रेह गया..!!!
*क्या सोचे थे और आज क्या ये हो गया*

©R...Khan #क्या#सोचे#थें#और#क्या#ये#हो#गया

#MereKhayaal  Nirmala Baitha Ramjan Ali Saurav Das sAtYaM deepshi bhadauria   khubsurat