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ना प्यार के काबिल समझा मुझको, ना वफ़ा से मुझे मिला

ना प्यार के काबिल समझा मुझको, ना वफ़ा से मुझे मिलाया...
मैंने जब - जब आस लगाई तुझसे, तूने तब - तब मुझे रुलाया...!!
खुशियों के नाम पर गमों से मुझे नवाजा...
बड़े शौक से निकाला तूने मेरी ख्वाहिशों का जनाजा...!!
ये बेरुखी , ये बेदर्दी अब छोड़ भी दे...!
नकद ना सही, चंद लम्हे खुशियों के उधार तो कर...
ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

ना जज़्बात बचे, ना ख्वाब बचे, इन आंखों में अब सिर्फ पानी हैं...
रोना हैं ,तड़पना हैं बस इतनी सी मेरी कहानी हैं...!!
मुझे ना भूख लगे, ना प्यास सताये, अब ना जागा ना सोता हूं...
तन्हाई की बांहों में हर पल कलेजा चीर के रोता हूं...!!
आखिर क्यों खफा हैं तू मुझसे...!
सारे गिले - शिकवे तेरे तू एक दफा दरकिनार तो कर...
ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

भला कैसे यकीं करूं मैं तुझ पर, तू पल भर में रूप बदलती हैं...
कभी खिलखिलाती हैं नए सेवरों जैसी, कभी शाम की तरह ढलती हैं...!!
तेरा ये दोहरापन आजतक समझ नहीं पाया मैं...
तुझसे उम्मीद लगाकर दिन - रात पछताया मैं...!!
तू औरों को खुशियां बांटती हैं, कभी मेरी शामें गुलज़ार तो कर...
ए जिंदगी , झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

         - Ashish Mishra ✍🏼



 नकद ना सही, चंद लम्हे खुशियों के उधार तो कर... ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...✍🏼

#रातकाअफ़साना #life #poetry #shayri #yourquote #yqquotes #lifequotes #alone 



Kumari Nikita Drishti Sinha
ना प्यार के काबिल समझा मुझको, ना वफ़ा से मुझे मिलाया...
मैंने जब - जब आस लगाई तुझसे, तूने तब - तब मुझे रुलाया...!!
खुशियों के नाम पर गमों से मुझे नवाजा...
बड़े शौक से निकाला तूने मेरी ख्वाहिशों का जनाजा...!!
ये बेरुखी , ये बेदर्दी अब छोड़ भी दे...!
नकद ना सही, चंद लम्हे खुशियों के उधार तो कर...
ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

ना जज़्बात बचे, ना ख्वाब बचे, इन आंखों में अब सिर्फ पानी हैं...
रोना हैं ,तड़पना हैं बस इतनी सी मेरी कहानी हैं...!!
मुझे ना भूख लगे, ना प्यास सताये, अब ना जागा ना सोता हूं...
तन्हाई की बांहों में हर पल कलेजा चीर के रोता हूं...!!
आखिर क्यों खफा हैं तू मुझसे...!
सारे गिले - शिकवे तेरे तू एक दफा दरकिनार तो कर...
ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

भला कैसे यकीं करूं मैं तुझ पर, तू पल भर में रूप बदलती हैं...
कभी खिलखिलाती हैं नए सेवरों जैसी, कभी शाम की तरह ढलती हैं...!!
तेरा ये दोहरापन आजतक समझ नहीं पाया मैं...
तुझसे उम्मीद लगाकर दिन - रात पछताया मैं...!!
तू औरों को खुशियां बांटती हैं, कभी मेरी शामें गुलज़ार तो कर...
ए जिंदगी , झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...!!

         - Ashish Mishra ✍🏼



 नकद ना सही, चंद लम्हे खुशियों के उधार तो कर... ए जिंदगी, झूठा ही सही दो घड़ी मुझसे प्यार तो कर...✍🏼

#रातकाअफ़साना #life #poetry #shayri #yourquote #yqquotes #lifequotes #alone 



Kumari Nikita Drishti Sinha