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तुम्हारी हँसी! पहाड़ों से गिरते हुए झरने जैसी निश्

तुम्हारी हँसी! 
पहाड़ों से गिरते हुए झरने जैसी निश्छल
तो कभी किसी बहती हुई नदी सी कल कल
तुम्हारी हँसी… 
अँधेरी रात में टिमटिमाते जुगनू सी चमकीली
कभी किसी शरारती बच्चे की ज़िद्द सी हठीली
तुम्हारी हँसी…
कंपकंपाती  हुई सर्दी में इठलाती सुनहरी धूप
किसी साँचे में ढला हुआ दिलकश रंग रूप
तुम्हारी हँसी…
रिमझिम फुहारों के बीच चमकती तेज़ बिजली
फूलों पर मंडराती कोई रंग बिरंगी तितली
तुम्हारी हँसी..  #poojagupta_preet #tumharihasi #muskurahat #yqdidi #rzhindi
तुम्हारी हँसी! 
पहाड़ों से गिरते हुए झरने जैसी निश्छल
तो कभी किसी बहती हुई नदी सी कल कल
तुम्हारी हँसी… 
अँधेरी रात में टिमटिमाते जुगनू सी चमकीली
कभी किसी शरारती बच्चे की ज़िद्द सी हठीली
तुम्हारी हँसी…
कंपकंपाती  हुई सर्दी में इठलाती सुनहरी धूप
किसी साँचे में ढला हुआ दिलकश रंग रूप
तुम्हारी हँसी…
रिमझिम फुहारों के बीच चमकती तेज़ बिजली
फूलों पर मंडराती कोई रंग बिरंगी तितली
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