#DaughtersDay बिना लोभ लालच के हर रिश्ता निभा जाती है बेटी, घर गृहस्थी की जिम्मेदारी संभालते हुए भी अव्वल आती है बेटी, जब मां बाप के घर से विदा होती है बेटी, उस नए घर को भी अपना लेती है बेटी, अपनी सारी जिम्मेदारी बखूबी निभाती है बेटी, फिर भी लोग कहते हैं क्या कर सकती है बेटी, आज चांद पर पहुंच गई है बेटी, घर गृहस्ती दुनियादारी भी संभालती है बेटी, पर सुनने को यही मिलता है क्या कर लेगी एक बेटी, जब कुछ अच्छा करेगी बेटी, तो शर्मिंदा होंगे वो लोग जो कहते हैं क्या कर लेगी बेटी, और रोएंगे वो लोग जिन्होंने गर्भ में मार दी थी बेटी, मां की परछाई पिता का मान सम्मान होती है बेटी, भाई का अभिमान होती है बेटी, बेटे के बराबर हर खुशी के हकदार होती है बेटी, जब ससुराल के लिए विदा होती है बेटी, मां कहती है अब वही तुम्हारा घर है बेटी, सुख-दुख धूप छांव और हर मुश्किल में साथ तुम देना उनका बेटी, यही मेरी सीख है बेटी, जब ससुराल जाती है तो पति का हर पल साथ निभाती है वो माँ की लाडली बेटी, सास ससुर की सेवा को ही परम धर्म मानती है बेटी, मां-बाप की प्यारी गुड़िया अब ससुराल जाकर बन जाती है सयानी बेटी, अल्हड़ सी मस्त नादान लड़की बन जाती है अब जिम्मेदार बेटी, सबकी उम्मीदों पर हमेशा खरा उतरती है बेटी, शायद इसलिए कहा होगा किसी ने, बेटा भाग्य से तो सौभाग्य से होती है बेटी। #DauthersDay #Part-2 #SpecialDay #Nojoto #Nojotoapp #Nojotohindi #Nojotopoem बिना लोभ लालच के हर रिश्ता निभा जाती है बेटी, घर गृहस्थी की जिम्मेदारी संभालते हुए भी अव्वल आती है बेटी, जब मां बाप के घर से विदा होती है बेटी, उस नए घर को भी अपना लेती है बेटी, अपनी सारी जिम्मेदारी बखूबी निभाती है बेटी, फिर भी लोग कहते हैं क्या कर सकती है बेटी, आज चांद पर पहुंच गई है बेटी,