""जाने दो हम अब सरकार नहीं लौटेंगे।"" की हम अब नहीं लौटेंगे जाने दो कर दो इंतजाम मेरे आका किसी भी चीज का मेरी मिन्नतें कबूल फरमाओ रेल बस या बैलगाड़ी जो भी मिले बस जाने दो अब न लौटेंगे पेट की भूख कमाकर मिटाने आए थे गावं से घर पे बूढ़े मां-बाप बिन माँ के बच्चे ताक रहे है राहा जाने दो अब ना लौटेंगे संभालना अपने शहर की यमराज सी व्यवस्था गांव में कर लेंगे कोई काम या दूसरों की गंदगी उठा लेंगे जो दुख दर्द तुम्हारे शहर में पाया है भूल जायेगे हम किसी से कहेगे भी नहीं, जाने दो अब ना लौटेंगे तुमने तुम्हारे शहर ने जो भी दिया था। उससे ज्यादा लौटा कर जा रहे हैं कल ही तो मरे थे हम में से कुछ और तुमने अपने घोषणापत्र में "6 साल बेमिसाल लिखे है" सब्र कर लेते हमारे दूजे का पर कोई नहीं छोड़ो साहब जाने दो हम अब सरकार नहीं लौटेंगे। ©®kh nazim ""जाने दो हम अब सरकार नहीं लौटेंगे।"" की हम अब नहीं लौटेंगे जाने दो कर दो इंतजाम मेरे आका किसी भी चीज का मेरी मिन्नतें कबूल फरमाओ