ये शब्द अल्फाज लफ्ज लम्हे और वार्तालाप, पता नहीं ये सिलसिले और क्या कहे गए, मोहब्बत इश्क प्यार, चाहत और इकरार, ये जिंदगी के दूसरे मायने ही दे गए, ©Alok Kashyap #WorldPoetryDay Dhyaan mira Maurya ji