ज़रूरत पर तो दुश्मन ने भी आवाज लगाई है मेरे रोने पे मुझे चुप कराया नही किसी ने,, गमो के सिरहाने पर गुज़र रही है ज़िन्दगी चैन से अपने कंदे पर सुलाया नही किसी ने,,