चादर छोटी पड जाती है जब जब सर डकता हूँ सब तो सोते रहते है बस माँ को ही दिखता हूँ बेसे बन गया हूँ मुसाफिर जब भी घर जाऊँ तो बस माँ के लिये ही रुकता हूँ loving mother