मेरा क्या कसूर मोहब्बत तो हर कोई करता है. दिल मेरा भी टूट गया तो क्या गम,हर इंसान ही घायल हुआ फिरता है. क्या मरना एक ही बार मे,सच्चा आशिक़ तो रोज़ रोज़ मरता है. मज़ा ही क्या जब दर्द ना सहा,बुजदिल तो दीवारों में छुपा फिरता है। #Usey_bhulne_ki_koshish Ruchika Babita Pandey