ज़िन्दगी की बाहों में इन अनजान राहों में, कांटे और कंकड़ इतने पांव से लहू पसिजते, आंखों से आंसू बहते मन नयन सब मौन रहते, चलता जा फिर भी तू रही आगे बढ़ता जा ओ राही, ज़िन्दगी की बाहों में सौंप दे खुद की स्याही स्याही, कभी तो वो बनेगी सुन्दर मां के ममता सी कोमल भी, कभी न कभी तो आएगी दर पर खुशियां भी...! एक ख़ूबसूरत #collab Rest Zone की जानिब से। #ज़िन्दगीकीबाँहोंमें #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi