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शिशिर के खिलते लोध्र फूल से, पीला सा मुंह को सजाती

शिशिर के खिलते लोध्र फूल से,
पीला सा मुंह को सजाती है!
खिले बसंत में कुरबक फूल को,
अपने जुड़ों में लगाती है !

गर्मी में वो सिरस फूल को,
दोनों कानों में पिरोती है!
और रे मेघा वर्षा ऋतु में,
कदंब से मांग सजाती है !
#कालीदास 
#मेघदुत_के_प्रति 
#उत्तरमेघ_श्लोक_2_भाग_2 
#काव्यकृति
शिशिर के खिलते लोध्र फूल से,
पीला सा मुंह को सजाती है!
खिले बसंत में कुरबक फूल को,
अपने जुड़ों में लगाती है !

गर्मी में वो सिरस फूल को,
दोनों कानों में पिरोती है!
और रे मेघा वर्षा ऋतु में,
कदंब से मांग सजाती है !
#कालीदास 
#मेघदुत_के_प्रति 
#उत्तरमेघ_श्लोक_2_भाग_2 
#काव्यकृति