पलायन पलायन एक सच्चाई... निश्चित रूप से मां व्यथित हो उठती हैं अपने बच्चों की पलायन देखकर बाबूजी दहल उठते हैं अपने बच्चों की पलायन देखकर आंगन सूनी हो जाती है अपने बच्चों की पलायन देखकर घर से दी गई पराठे भुजिया कचरी चावल चूड़ा भुंजा ठेकुआ नीमकी आदि में ही अपनों की यादें बसती हैं सबके अपने-अपने दर्द हैं पलायन के वास्ते किसी के रोजी रोटी के वास्ते तो किसी के उच्च शिक्षा पढ़ाई के वास्ते। #पलायन #Migration #education #labour #poetry