मुझसे जाने कौन सी खता हैं हुई, क्यूं जोड़ा था ये रिश्ता तुमने कभी की अब ये गम है तो ये ही है सही, में वहीं खड़ा था तुमने देखा भी नहीं। दो चार कदम पर हम खड़े थे, माना इश्क़ के इम्तिहान भी कड़े थे, दिल में एक हूक सी आज भी उठती है कहीं, कल थे करीब और आज सर उठा के देखा भी नहीं। पटरियों पर डोली आपकी ही गई रवाना, इश्क़ हमारा भरे समाज का हो गई फसाना, बीच भवर में डूबा के मुझको तुम चल दिए कहीं, मैं वहीं डूबता रहा तुमने पलट के देखा भी नहीं। तुम हमे अकेला छोड़ के चले गए, मेरे हर लम्हें को तुम भोर गए, कदम आज भी रुका है तेरे इंतज़ार में वहीं, मेरे अहसासों को मार के तमाचा तुमने देखा भी नहीं। कितनी हसरत दिल में थी तुम से मिलने की मगर तुम ने देखा भी नहीं Collab करें YQ Didi के साथ। #देखाभीनहीं #collab