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उसने' गलती'से मेरे सपनों पर हाथ क्या रखे थे, मेरे

उसने' गलती'से मेरे सपनों पर हाथ क्या रखे थे, 
मेरे सपने बिन पंखों के उड़ने लगे थे, 
उसने 'गलती' से मेरे हाथों पर जब हाथ फेरे थे, 
मेरे हाथों ने हिम्मत से काल को पकड़ने लगे थे, 
उसने 'गलती'से मेरे माथे पर हाथ फहराया क्या फहराया, 
हम गर्व से सिर उठा कर उसके संग चलने लगे थे, 
'मैने' कहा ना उसने 'गलती से '! डाली सूखी, हरियाली रूठी, बंजर मरु भूमि, नीर बहाए लाए कैसे, पिय है नहीं, पिय को भुलाए कैसे
#DryTree
उसने' गलती'से मेरे सपनों पर हाथ क्या रखे थे, 
मेरे सपने बिन पंखों के उड़ने लगे थे, 
उसने 'गलती' से मेरे हाथों पर जब हाथ फेरे थे, 
मेरे हाथों ने हिम्मत से काल को पकड़ने लगे थे, 
उसने 'गलती'से मेरे माथे पर हाथ फहराया क्या फहराया, 
हम गर्व से सिर उठा कर उसके संग चलने लगे थे, 
'मैने' कहा ना उसने 'गलती से '! डाली सूखी, हरियाली रूठी, बंजर मरु भूमि, नीर बहाए लाए कैसे, पिय है नहीं, पिय को भुलाए कैसे
#DryTree
dipika1220323181690

Adv Di Pi Ka

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डाली सूखी, हरियाली रूठी, बंजर मरु भूमि, नीर बहाए लाए कैसे, पिय है नहीं, पिय को भुलाए कैसे #DryTree #Talk