कसूर मेरा था, जो तुझ पर भरोसा करके, तुझे अपना राजदार बनाया। तू निकला आस्तीन का सांप, मौका देख कर मुझे ही कसूरवार बनाया। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 साहित्यिक सहायक 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें 2. इस वाक्य को अपने सुंदर शब्दों से पूरा करें 3. लिखने के बाद इस पोस्ट पे आकर कॉमेंट में done लिखें