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मोहोब्बत पैहरन नही है कैसे उतार दूँ तू रूह में शाम

मोहोब्बत पैहरन नही है कैसे उतार दूँ
तू रूह में शामिल है मेरी कैसे बिसार दूॅं 
कमाल है की तू मेरे ख्वाब में आने लगा है
तुम ही कहो कैसे रातें आखों में गुज़ार दूॅं 
तुम हिम के अंश से मेरी हर चोट पर सर्द से
सिर्फ सच्चा दोस्त कहके कैसे तुमको टाल दूॅं 
तुमसे ही सुबह मेरी तुमसे ही तो शाम है
तुम कहो तो जिंद जान सब तुझपे वार दूॅं
#shubh

©Shubhra Pandey
  #ishak

#ishak #Shubh

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