मैं जानती हूँ... मुझसे दूर होकर भी मेरे आसपास हो तुम मेरे ख्यालों में...ख्वाबों में हो तुम जब भी दिल धड़कता है... वो धड़कन हो तुम मेरे चेहरे पर अनायास बिखर जाये वो मुस्कान हो तुम अंग-प्रत्यंग में सिहरन सी दौड़ा दे वो एहसास हो तुम जिसको सोचने भर से ( Munesh Sharma) दुनिया हसीन हो जाये वो सुहानी याद हो तुम जिसके लिए "मैं हूँ" वो "कारण" हो "तुम"...! मुझसे दूर होकर भी मेरे आसपास हो तुम...! मुनेश शर्मा (मेरे❤️✍️) 💮कृपया ध्यान रखिएगा की हमारे साथ COLLAB करते टाइम आपका "COLLAB" का option भी ON हो। अन्यथा आपकी एंट्री प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगी🙏। आज की प्रतियोगिता के लिए आज हमारे शब्द हैं 🌸". " हो तुम" #mk_29 इन शब्दों को प्रयुक्त करते हुए कविता, शायरी या किसी अन्य रूप में रचना कीजिये। 👉 कृपया ध्यान दीजिएगा इस प्रतियोगिता में तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा। 👇 💮1. दो लाइन की रचना के विजेता का 💮2. चार लाइन की रचना के विजेता का