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चमन में जब से तू बेनकाब आया था यकीं हो गया हमें इक

चमन में जब से तू बेनकाब आया था यकीं हो गया हमें इक ख्वाब बन के आया था

चांद तारे कैद हो गए वक़्त के बंदी खाने में मेरे लिए तू इक बहार बन के आया था

अपना अरमां अर्ज़ करने तेरे पास आया था मगर तेरा गुमान हादसा बन के आया था

हर रोज गलतफहमियों के हम शिकार हो रहे हैं अब हाल ये कि गुबार बन के आया था

तोड़ कर मेरा शुरूर तू मुस्कराया भी था खाक में हमें डुबो कर  खुमार बन के आया था

मै भी अपने इर्द गिर्द हमेशा तुझे महसूस करता रहा बदले में तू हिसाब बन के आया था

मेरे तेरे कभी पर्दे की मुलाकात न थी इश्क हमें रुलाता रहा तू ख्वाब बन के आया था

तस्सवुर में हमने भी किया गुफ्तगू कई बार फिर भी इस बार तू दीवार बन के आया था

         🦔मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🦔

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल दास्तां ए गम

#Health
चमन में जब से तू बेनकाब आया था यकीं हो गया हमें इक ख्वाब बन के आया था

चांद तारे कैद हो गए वक़्त के बंदी खाने में मेरे लिए तू इक बहार बन के आया था

अपना अरमां अर्ज़ करने तेरे पास आया था मगर तेरा गुमान हादसा बन के आया था

हर रोज गलतफहमियों के हम शिकार हो रहे हैं अब हाल ये कि गुबार बन के आया था

तोड़ कर मेरा शुरूर तू मुस्कराया भी था खाक में हमें डुबो कर  खुमार बन के आया था

मै भी अपने इर्द गिर्द हमेशा तुझे महसूस करता रहा बदले में तू हिसाब बन के आया था

मेरे तेरे कभी पर्दे की मुलाकात न थी इश्क हमें रुलाता रहा तू ख्वाब बन के आया था

तस्सवुर में हमने भी किया गुफ्तगू कई बार फिर भी इस बार तू दीवार बन के आया था

         🦔मेरी इक नई ग़ज़ल गम ए ज़िन्दगी🦔

©Prem Narayan Shrivastava मेरी इक नई ग़ज़ल दास्तां ए गम

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