दुर्दशा देखकर तेरी बहुत शर्मिंदा हूँ देख मरते हुए तुझको बहुत शर्मिंदा हूँ। पैर नन्हें छिल गए हैं गर्म सड़कों पे चलकर देख मासूम के घावों को बहुत शर्मिंदा हूँ । सुनीता बिश्नोलिया © ® #पलायन