चांदनी रात, हम आलिंगनबद्ध... खूबसूरत ख़ामोशी...अचानक उसका स्वर.... "मर जाऊंगी मैं तुमसे बिछड़ी तो यक़ीनन मर जाऊंगी तुम्हारे सीने से लगे बिना सांसे नहीं आती मुझे... बिछडूंगी तो यकीनन मरूँगी" आह! मेरी एक लंबी सांस...जैसे आख़िरी हो... प्रेम की गहराई देख जैसे फूट पड़े हों सब भाव.... हे ख़ुदा.... ऐसा प्रेम ! सुकून की सांस....आख़िरी बार... फिर चला गया सुकून...वो कभी मिली नहीं... बिछड़ गयी...पर क्या मर भी गई ? ना ना ना.... गली में किसी ने सुने गीत...देखा लाल जोड़ा... पहचानी उसकी मुस्कान... झूठी-सच्ची?अरे! मैं क्या जानूँ ! पर वो मरी नहीं.... हे ख़ुदा! क्या लड़कियों की मौत भी उनकी मर्ज़ी की नहीं ? बेवक़्त मरना ही उनकी किस्मत...या मर-मर कर जीना? सवाल कई...जवाब सिफर... ख़ुदा ! बता...क्यों खामोश ? वो मरी क्यों नहीं ? क्या उनकी मौत भी उनकी नहीं? #NojotoQuote "लड़कियों की मौत" #poem #love #writing