जिस ज़िंदगी को तुने “फ़िक्र” में जिया, उस ज़िंदगी को उसने “फक्र” से जिया अंतर बस इतना था की ….. तू जिया “वेतन” के लिए और वो जिया “वतन” के लिए ।। ek foji ki awaz ek foji ki awaz