मैनें एक दोस्त को फोन किया और कहा कि यह मेरा नया नंबर है, सेव कर लेना। उसने बहुत अच्छा जवाब दिया और मेरी आँखों से आँसू निकल आए उसने कहा तेरी आवाज़ मैंने सेव कर रखा है। नंबर तुम चाहे कितने भी बदल लो, मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ता दोस्त। मैं तुझे तेरी आवाज़ से ही पहचान लूंगा। ये सुन के मुझे हरिवंश राय बच्चन जी की बहुत ही सुन्दर कविता याद आ गई "अगर बिकी तेरी दोस्ती तो, पहले खरीददार हम होंगे। तुझे ख़बर ना होगी तेरी कीमत, पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे| दोस्त साथ हों तो रोने में भी शान है। दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है। "सारा खेल दोस्ती का हे ए मेरे दोस्त, वरना.. जनाजा और बारात एक ही समान है। ©Divya Raj Tomar "अगर बिकी तेरी दोस्ती तो, पहले खरीददार हम होंगे। तुझे ख़बर ना होगी तेरी कीमत, पर तुझे पाकर सबसे अमीर हम होंगे| #Friend #Friend #Friendship #Love #treanding #nojohindi #Dosti #jigri