आगाजे जिन्दगी की शुरूआत कुछ इस तरह करता हुँ मै अपने दिन कि शुरूआत रब की इबादत से करता हुँ है जितने भी हाजिरो नाजिर इस गुलिस्ताँ मे फूल उन सबकी खैरो आफियत दुआ रब से करता हुँ #शायरी#विचार#कविता#मेरी#दुआ मेरी#फरियाद