इश्क हमें भी हुआ इन काली रातों से, सुकून मिला इन किताबों की बातों से। हमारी कहानी ये मंजिल तक जाएगी, धोखा नहीं सफ़लता दिलाएगी। हम कलम पे इतराते है, एक दास्ता इश्क की सुनाते हैं। सुबह का अंधेरा था, दिल को किताबो ने घेरा था। नशा छा गया धड़कनों में, मिला वो जो सोचा सपनों में। कामयाबी ने कदमों को चूम लिया, दिल की बातों को सफ़लता ने सुन लिया। सांझ को तारों ने घेरा, आगे था जिंदगी का नया सवेरा। 🥰📚🥰 ©आधुनिक कवयित्री किताबो से इश्क 📚💗