इत्मिनान रखो, इम्तिहान की घड़ी,एक दिन ज़रूर थम जाएगी, पीछे हौसलों के, किस्मत खुद ब खुद चली आएगी। लगा दो छलांग आत्मविश्वास से, संमदरों में, सपनों के, कोई धारा डुबाएगी भी तो अगर, कुछ तो दूर ले जाएगी।। ऐसा बजाओ बिगुल, लक्ष्य कोई दुस्साहस ना कर पाए, वह जीवन नहीं, एक भ्रम है, जिसे बस एक सोच ही हरा जाए। खत्म होना ही, तो है, सब कुछ, पर खात्मा इच्छा का, मृत्यू है, साथ कभी कोई गया है वहाँ, पर कहीं ये काश ना साथ चला जाए।। स्वयं खुद को समझना है तुम्हे, ये जिंदगी बस खेल दिखाएगी, जीवित अपना सम्मान रखो, हार खुद ब खुद हार जाएगी। लगा दो छलांग आत्मविश्वास से, संमदरों में, सपनों के, कोई धारा डुबाएगी भी तो अगर, कुछ तो दूर ले जाएगी।। ©Rahul Kaushik #Shaayavita #Aatmvishwas #selfconfidence #Fearless #MereKhayaal