सही गलत के अब दायरे बदल गए, सोच में रहकर देखो अपने बदल गए, झूठी शान के लिए घर बार बिखर गए लालच में इंसान ने जमीर बदल दिए, लाचारी को साथ रख फ़कीर हो गए, फ़कीर बनकर कुछ अमीर हो गए, बेबसी लाचारी को सरे आम देखे गए बे लिहाज़ बेशर्म घर घर में हो गए, चंद सिक्कों के मोहताज जवान हो गए, कुछ जवान बनकर इनके लिए कुर्बान हो गए लाठी जिसकी है भैंस उसकी ही हो गई, अजीब वकालात की आदालतें हो गई रास्ता नाले कागज़ों पर दिखता रहे सब घूम न जाने कहां वो रास्ते बदल गए इत्तेफ़ाक से अमीर ही दगाबाज निकले आम आदमी सरे द्वार आज बदल गए! अधूरी क़लम #NojotoQuote