ये आंख सोई नहीं है एक जमाने से अंधेरा हो गया एक चराग के बुझ जाने से मेरे सर से जब से हटा है बाप का साया लगता है कोई तकिया छीन लिया हो मेरे सिरहाने से — % & #सोईआँखें #जमाने #चराग #बुझा #बाप #तकिया #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob