गरीब खिले फूल है, अमीर अध खिले फूल है और हम मुरझाए फूल है गरीब नंगे है, अमीर अधनंगे है, और हम फकीर है, गरीब झोपड़े में सोते है, अमीर बड़े घर में जागते है, और हम किराये के मकान में न सोते है जागते है। ©Brajdeep Mishra #gareeb #Hindi #hindi_poetry #Amiri #flood Jitendra Rathor