इश्क़ महज़ मजहब कि बात बनकर रह गया.. जब एक पण्डित के लड़के को मौलाना की लड़की से इश्क़ जैसा गुस्ताखी हुआ... आज मन मैं एक सबाल उठा के इश्क़ आखिर हैं क्या... मजहबी बात या मन मैं उठा ज़ज्बात... ज़ात पात जैसी बात या किसी के लिए होने बाला एहसास.... ? मज़हबी इश्क..