हकीकत देखती है सह्रदयी आँखें, आईने में कहाँ दम है। जमाने की आँखें भी सर्वसत्य को देखकर, होती नम है। धड़कनों में सुनो 'शनि' कलयुग के हर कटु सत्य को, फैला आफताब सा असत्य,सत्य ही मानव जीवन का मर्म है।। ©'शनि' #आईना#miror #true #Sunilpareeksunny #sunilpareekG